विश्व के देशों में कोरोना वैक्सीन से बिग ब्रदर बन रहा भारत , चीन गया पिछड़ India’s vaccine diplomacy
वैक्सीन डिप्लोमेसी में भारत विश्व के सभी देशों से आगे निकल आया है. हमारे साइंटिस्टों की मेहनत और मोदी जी का नेतृत्व से आज विश्व का हर छोटा – बड़ा देश भारत की ओर वैक्सीन कि मदद की नजर से देख रहा है.
हमारी सरकार इस वक़्त की नाज़ुक्ता को अच्छी तरह समझ रही है और वैक्सीन डिप्लोमेसी में आगे निकल चुकी है.अपने पड़ोसी मुल्कों की मदद कर आगे बढ़ते हुए अफ्रीका के मुल्कों ( जहां चीन अपना प्रभाव बढ़ाने की सालों से कोशिश कर रहा है ) और लैटिन अमेरिकन देशों तक अपनी मदद पहुंचा चुका है.
‘ भारतीय वैक्सीन मैत्री प्रोग्राम ‘ के तहत भारत हर उस गरीब और जरूरतमंद देश की मदद कर रहा है. हमारे देश ने अभी तक 1 करोड़ 50 लाख से ज़्यादा कारोना वैक्सीन का डोज 17 देशों में भेज चुका है और हम अपने देश में अगस्त के महीने तक 3 करोड़ लोगों को corona का डोज दे चुके होंगे.
भारत ने शुरुआत में अपनी पॉलिसी ‘ पड़ोसी प्रथम ‘ कार्य किया और बांग्लादेश , मालदीव , भूटान , म्यांमार , नेपाल , मौरिशियस , श्रीलंका को वैक्सीन मुहैय्या कराया .
अफगानिस्तान भी हमारी 5 लाख डोज की पहली खेप अब पहुंच चुकी है.हमारे देश ने आगे मदद के लिए मंगोलिया , पैसिफिक आइलैंड स्टेट्स , कंबोडिया से भी वायदा कर चुका है और जल्द ही वहां भी भारत की , भारत में बनी हुई corona वैक्सीन पहुंचने वाली है.
भारत की वैक्सीन मैत्री अभियान से ना ही केवल सभी मुल्कों से दोस्ताना संबंध मजबूत करेगा बल्कि इसके व्यवसायिक और सुरक्षा के लहजे से दूरगामी परिणाम आने वाले वक़्त में मिलेंगे.
चीन वैक्सीन डिप्लोमेसी में भारत से बूरी तरह पिछड़ चुका है , अभी तक वो किसी भी देश की मदद नहीं कर पाया है .
बांग्लादेश से चीन ने वैक्सीन पाने के लिए आर्थिक अनुदान की मांग की थी जिसे बांग्लादेश ने नकार कर भारत की तरफ मदद मांगने आ गया , जिसके बाद हमारी सरकार ने वैक्सीन वहां भेजवाया , जिसके बाद बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की तारीफ की और धन्यवाद किया.
चीन लगातार साउथ अफ्रीका के मुल्क और कंबोडिया से अपने संबंध मजबूत करने में लगा हुआ था पर corona के इस दौर में वहां उसकी मदद नहीं पहुंचना और भारत द्वारा वैक्सीन का मिलना सीधे तौर पर चीन के लिए बड़ा झटका और भारत के लिए फायदेमंद रहने वाला है.
हालांकि विश्व में सबसे ज़्यादा वैक्सीन बनाने की क्षमता हमारे देश के पास है , चाहे कोरोना काल में इक्विपमेंट्स से दूसरे देश की मदद करना या अब वैक्सीन के डोज भेजना भारत ने अपने संस्कृति और उदारता की पहचान फिर से विश्व को करवा दिया है . भारत हर मुश्किल परिस्थिति , बिना किसी भेद भाव के हर दूसरे मुल्क की मदद करने के लिए आगे रहता है . भारत सिर्फ वासुदेव कुटुंबकम् को कहता ही नहीं , मानता भी है.